Weather Alert: राजस्थान में पाला पड़ने की चेतावनी, किसान यूं बचाएं अपनी फसलों को, जानें प्रक्रिया

हाइलाइट्स
एक हजार लीटर पानी में 1 लीटर सांद्र गंधक का तेजाब मिलाकर घोल का फसलों पर छिड़काव करें
पाले से पौधों की कोशिकाओं में जल जमने और कोशिका भित्ति के फटने से फसल खराब हो जाती है
जयपुर. राजस्थान के बीकानेर, जोधपुर, अजमेर, जयपुर और भरतपुर संभाग में अगले तीन-चार दिनों तक कहीं शीतलहर (Cold Wave) और कहीं अति शीतलहर का दौर जारी रह सकता है. इसके चलते सुबह के समय पाला (Ground Frost) जैसी स्थिति की भी प्रबल संभावना है. यानि खेतों में या रबी की फसलों (Rabi Crops) में पत्तियों के ऊपर सुबह के समय बर्फ जमने यानी पाला पड़ने की स्थिति बन सकती है. मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन-चार दिन तक तापमान में गिरावट के मद्देनजर फसलों में पाले से नुकसान की आशंका है. पाले से सरसों, मटर, चना व सब्जियों की फसलों में नुकसान होने की संभावना है.
प्रदेश के सीकर और चूरू जिलों में न्यूनतम तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस से भी कम दर्ज किया गया है. शीतलहर का यह दौर राज्य में अगले चार-पांच दिनों तक जारी रहेगा. अभी भी राज्य के कुछ इलाकों में न्यूनतम तापमान 2-3 डिग्री और कम होने की प्रबल संभावना है. विशेष रूप से कोल्ड वेव का असर चूरू, सीकर, हनुमानगढ़, झुंझुनूं और आसपास के जिलों में देखने को मिलेगा.
Rajasthan Weather Alert: पाला पड़ने की चेतावनी, किसान रहें सावधान, पढ़ें मौसम का ताजा हाल
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दो दिन बाद नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा
इसके अलावा खेतों में रबी की फसलों में पत्तियों के ऊपर सुबह के समय बर्फ जमने यानी पाला पड़ने की प्रबल संभावना मौसम विभाग ने जताई है. किसानों के लिए ये विशेष रूप से सलाह है कि यथासंभव अपनी फसल को पाला से बचाव के उपाय करें. मौसम विभाग के अनुसार 17-18 जनवरी से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा और इससे कोल्ड विंड का पैट्रर्न बदलेगा. इसके साथ ही 18 जनवरी से शीत लहर से कुछ राहत मिलने की संभावना है.
किसान पाले से फसलों का करें बचाव- कटारिया
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने विभाग को हाई अलर्ट किया है कि पाला पड़ने की स्थिति को देखते हुए किसानों की फसलों के बचाव के हर संभव उपाय किए जाएं. सर्दी के मौसम में जिस दिन दोपहर के पहले ठंडी हवा चल रही हो व हवा का तापमान अत्यंत कम होने लग जाए. दोपहर बाद अचानक हवा चलना बंद हो जाए तब पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है. पाले के कारण पौधों की कोशिकाओं में उपस्थित जल जमने से कोशिका भित्ति फट जाती है, जिससे पौधों की पत्तियां, कोंपलें, फूल, फल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं.
घुलनशील गंधक के घोल का छिड़काव करें
कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक किसान फसलों को पाले से बचाने हेतु गंधक के तेजाब का 0.1% अर्थात एक हजार लीटर पानी में 1 लीटर सांद्र गंधक का तेजाब मिलाकर घोल तैयार करें एवं फसलों पर छिड़काव करें अथवा घुलनशील गंधक के 0.2% घोल का छिड़काव भी कर सकते हैं. खेत की उत्तर पश्चिम दिशा में जिधर से शीतलहर आती है फसलों के अवशेष, कूड़ा करकट, घास-फूस जलाकर धुंआ करें. पाले के दिनों में फसलों में सिंचाई करने से भी पाले का असर कम होता है. ऐसे उपायों से किसान अपनी फसलों को पाले के नुकसान से बचा सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 15, 2023, 16:42 IST
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