रेत ठेकेदार ने सरकार को लगाया करोड़ों रुपए का चूना
अधिकारियों की मिली भगत से चलता रहा रेत का अवैध कारोबार
छतरपुर। छतरपुर जिले में एक रेत ठेकेदार मेसर्स आनंदेश्वर एग्रो फूड प्रायवेट लिमिटेड को जिले भर का ठेका दो वर्षों के लिए 75 करोड़ 99 लाख रुपए में मप्र राज्य खनिज निगम लिमिटेड द्वारा 19.06.2020 को अनुबंध किया गया था। ठेके की अवधि 30.06.2022 तक थी। इस दौरान ठेकेदार को समय समय पर रॉयल्टी की राशि जमा करनी थी वर्ष 2021 मार्च में 8 करोड़ 45 लाख 60 हजार 671 रुपए जमा करने थे। परंतु कोरोनाकाल का बहाना बनाकर ठेकेदार ने यह राशि आज दिनांक तक जमा नहीं की। मप्र राज्य खनिज निगम के डायरेक्टर ने मेसर्स आनंदेश्वर एग्रो फूड प्रायवेट लिमिटेड को कारण बताओ नोटिस जारी कर मासिक किस्त की राशि जमा करने के लिए कई बार पत्र लिखा और चेतावनी भी दी कि यदि यह राशि जमा नहीं की गई तो आपका ठेका निरस्त किया जासकता है। उसके बावजूद भी ठेकेदार के द्वारा यह राशि जमा नहीं की गई। इसके बाद मप्र के खनिज संचालक के द्वारा रेत ठेकेदार के खिलाफ खनन परिवहन, भंडारण एवं व्यापार नियम 2019 के नियम 15/1 के प्रावधानों को दृष्टिगत रखते हुए जिला छतरपुर का रेत खदानसमूह का ठेका तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया। रेत खदान का कब्जा कलेक्टर छतरपुर के द्वारा तत्काल वापस लिया जाए ऐसे निर्देश जारी किए गए। खनिज संचालक के द्वारा यह भी आदेश दिया है कि मेसर्स आनंदेश्वर एग्रो फूड प्रायवेट लिमिटेड को प्रदेश में आगामी रेत के किसी भीठेके को प्राप्त करने के लिए अयोग्य घोषित किया जाए। कुल मिलाकर रेत ठेकेदार को राज्य शासन ने ब्लैक लिस्टेड घोषित कर दिया है। अब जिले में रेत का अवैध कारोबार करने वालों की चांदी रहेगी और वह खुलेआम रेत का कारोबार करेंगे। खनिज अधिकारी का कहना है कि स्टाफ की कमी होने के कारण रेत का अवैध कारोबार रोक पाना अब संभव नहीं है। फिलहाल छतरपुर जिले में रेत ठेकेदार के द्वारा जो कारोबार चल रहा था वह अब पूरी तरह से समाप्त होगा और जिले में अब पुलिस विभग और खनिज विभाग की मिली भगत से अवैध रेत का कारोबार फलफूलेगा। हालांकि यह भी जानकारी मिली है रेत का ठेकेदार उच्च न्यायालय जबलपुर में खनिज संचालक के आदेश के खिलाफ पिटीशन दायर करने वाला है।