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उज्बेकिस्तान कफ सिरप केस: यूपी में मैरियन बायोटेक पर फिर छापा, ड्रग इंस्‍पेक्‍टर्स ने दवा के नए नमूने लिए

हाइलाइट्स

भारत में निर्मित कफ सिरप पर WHO का अलर्ट
ड्रग इंस्‍पेक्‍टर्स ने दवा कंपनी पर दूसरी बार मारा छापा
दवा के सैम्‍पल्‍स की जांच होगी फिर DCGI को सोंपेंगे रिपोर्ट

नई दिल्‍ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) को निर्यात की जाने वाली भारत निर्मित घटिया दवाओं के खिलाफ औपचारिक अलर्ट जारी करने के एक दिन बाद ड्रग इंस्पेक्टरों की एक टीम ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश स्थित मैरियन बायोटेक की निर्माण इकाई पर छापा मारा और दवा के नए नमूने लिए हैं. पिछले सैंपलों के नतीजों के बारे में पूछे जाने पर एक अधिकारी ने कहा कि ‘रिपोर्ट सबसे पहले ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को सौंपी जाएगी. हम जल्द ही नतीजों की उम्मीद कर रहे हैं.’

डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को घोषणा की थी कि मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित एम्ब्रोनोल और डीओके-1 मैक्स सिरप ठीक नहीं हैं. इसके नमूनों के लैब एनालिसिस में डायथिलीन ग्लाइकॉल और/या एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा पाई गई. इसे एक प्रदूषक के रूप में पाया गया है. ये टेस्‍ट उज्बेकिस्तान रिपब्लिक के स्वास्थ्य मंत्रालय की राष्ट्रीय गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए हैं. अलर्ट में कहा गया है, ‘आज तक, कथित निर्माता ने इन उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को गारंटी नहीं दी है.’ इधर, इस मामले को लेकर एक सरकारी अधिकारी ने News18.com को बताया कि भारतीय अधिकारियों को पहले DOK-1 मैक्स सिरप में गड़बड़ी के बारे में बताया गया था. अब अलर्ट में एम्ब्रोनोल सिरप का भी नाम था, इसलिए मैरियन के परिसर में एम्ब्रोनोल के नमूने लेने के लिए फिर से निरीक्षण चल रहा है. राज्य और केंद्रीय दोनों टीमों के ड्रग इंस्पेक्टरों ने परिसर का दौरा किया है.

पिछले सैंपल्स के नतीजे जल्‍द मिलेंगे, रिपोर्ट  DCGI सौंपी जाएगी
पिछले नमूनों के परिणामों के बारे में पूछे जाने पर, अधिकारी ने कहा कि ‘रिपोर्ट सबसे पहले ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को सौंपी जाएगी. हम जल्द ही परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं.’ उन्होंने यह भी कहा कि अलर्ट में डीओके-1 मैक्स सिरप केवल निर्यात के लिए निर्मित किया गया था. ‘हम दूसरे (एम्ब्रोनोल सिरप) के बारे में जांच कर रहे हैं.’ डब्लूएचओ ने कहा कि डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल का सेवन करने पर मनुष्य के लिए जहरीला होता है और घातक साबित हो सकता है. इसने यह भी कहा कि इस अलर्ट में संदर्भित घटिया उत्पाद असुरक्षित हैं और विशेष रूप से बच्चों में उनके उपयोग से गंभीर चोट या मृत्यु हो सकती है.

Tags: DCGI, WHO


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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