मध्यप्रदेश

Chhatarpur:लाखों की लागत से बन रही नाली बनते ही उखड़ रही…और अधिकारी अंजान बने हुए हैं – Chhatarpur The Drain Being Built At The Cost Of Lakhs Was Uprooted Officer Became Unknown

बनने के बाद खराब हुई नाली
– फोटो : अमर उजाला

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छतरपुर जिले के बक्सवाहा विकासखंड अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बेरखेड़ी के मड़ियाघाटी में चौदह लाख की राशि से नाली निर्माण का कार्य चल रहा है, जिसमें बगीचा पुलिया से सरपंच सुखदेव के घर तक नाली का निर्माण होना है। लोगों का आरोप है, सरपंच और सचिव की सांठगांठ के चलते भ्रष्टाचार की भेट चढ़ाया जा रहा है।

नाली निर्माण में डस्ट का अधिक मात्रा में उपयोग हो रहा है, जिससे निर्माण कार्य गुणवत्ता हीन हो गया है। आलम यह है कि निमार्ण कार्य अभी जारी है और जहां तक निर्माण कार्य हुआ है, वहीं से नाली का टूटना शुरू हो चुका है। यह पहला कार्य नहीं है, जिसमें पंचायत में सांठगांठ द्वारा राशि को ठिकाने लगाया जा रहा है।

बता दें कि जनपद क्षेत्र में बहुत सी पंचायतें ऐसी हैं, जहां पर कार्य अत्यधिक गुणवत्ता हीन किए जा रहे हैं। पर सोचने की बात यह है कि जब यह कार्य किए जाते हैं तो जनपद पंचायत के अधिकारी, कर्मचारी कहां होते हैं। क्योंकि सब कार्य तो जनपद पंचायत के आला अधिकारियों की देखरेख के अंतर्गत ही होते हैं और जब पंचायत ही ऐसे गुणवत्ताहीन कार्य करवाती है तो जनपद पंचायत के आला अधिकारियों पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है। इन सबकी मिलीभगत में कहीं न कहीं अधिकारी उतने ही जिम्मेदार हैं। इससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है।

घटिया सामग्री लगाई जा रही…
ग्रामीणों का आरोप है कि नाली निर्माण में पंचायत के द्वारा इतना घटिया कार्य करवाया गया है कि नाली एक साल से ज्यादा नहीं टिक पाएगी। इस संबंध में ग्राम मड़ियाघाटी सभी ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 14 लाख की राशि से हुए नाली निर्माण में खूब भ्रष्टाचार किया जा रहा है और घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। 

निर्माण कार्य में इस तरह की अनियमितताएं…
नाली निर्माण में अनेक अनियमितताएं बरती गई हैं। पहला तो यह कि नाली का लेबल ही नहीं लिया गया। इन सभी में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि नाली निर्माण कार्य में गुणवत्ता नाम की चीज ही नहीं है। नाली निर्माण के लिए नीचे फर्श की ढलाई करने में भी खानापूर्ति की गई है। नियमानुसार सतह की तीन इंच ढलाई कंक्रीट से करनी थी, उस ढलाई को कहीं एक इंच किया गया है तो कहीं ढलाई ही नहीं किया गया। सिर्फ नीचे फर्श पर ईंट की छोटी टुकड़ी को बिछा दिया गया।

नाली को पाटने के लिए ढलवाए जा रहे स्लैप के मैटेरियल में पांच कड़ाही बालू में एक कड़ाही सीमेंट के अनुपात में मसाला बनाए गए हैं। इस तरह की अनेक अनियमितताएं नाली निर्माण में की जा रही है। ग्रामीणों ने इसका काफी विरोध भी किया था, लेकिन पंचायत पर इसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा।

क्या बोले सचिव…
ग्राम पंचायत के सचिव राघवेन्द्र राजपूत का कहना है, नाली निर्माण का कार्य अभी जारी है। निर्माण के दौरान एक बैल नाली में गिर गया था, इसलिए नाली टूट गई है, जिसे फिर से बनाया जाएगा। वहीं, मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्श खरे का कहना है, इस कार्य को लेकर शिकायत प्राप्त हुई थी। संबंधित उपयंत्री द्वारा ग्राम पंचायत को नोटिस जारी किया गया है और जांच की जा रही है। अगर कार्य गुणवत्ता पूर्ण नहीं पाया जाता है तो मूल्यांकन किए गए कार्य अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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छतरपुर जिले के बक्सवाहा विकासखंड अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बेरखेड़ी के मड़ियाघाटी में चौदह लाख की राशि से नाली निर्माण का कार्य चल रहा है, जिसमें बगीचा पुलिया से सरपंच सुखदेव के घर तक नाली का निर्माण होना है। लोगों का आरोप है, सरपंच और सचिव की सांठगांठ के चलते भ्रष्टाचार की भेट चढ़ाया जा रहा है।

नाली निर्माण में डस्ट का अधिक मात्रा में उपयोग हो रहा है, जिससे निर्माण कार्य गुणवत्ता हीन हो गया है। आलम यह है कि निमार्ण कार्य अभी जारी है और जहां तक निर्माण कार्य हुआ है, वहीं से नाली का टूटना शुरू हो चुका है। यह पहला कार्य नहीं है, जिसमें पंचायत में सांठगांठ द्वारा राशि को ठिकाने लगाया जा रहा है।

बता दें कि जनपद क्षेत्र में बहुत सी पंचायतें ऐसी हैं, जहां पर कार्य अत्यधिक गुणवत्ता हीन किए जा रहे हैं। पर सोचने की बात यह है कि जब यह कार्य किए जाते हैं तो जनपद पंचायत के अधिकारी, कर्मचारी कहां होते हैं। क्योंकि सब कार्य तो जनपद पंचायत के आला अधिकारियों की देखरेख के अंतर्गत ही होते हैं और जब पंचायत ही ऐसे गुणवत्ताहीन कार्य करवाती है तो जनपद पंचायत के आला अधिकारियों पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है। इन सबकी मिलीभगत में कहीं न कहीं अधिकारी उतने ही जिम्मेदार हैं। इससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है।

घटिया सामग्री लगाई जा रही…

ग्रामीणों का आरोप है कि नाली निर्माण में पंचायत के द्वारा इतना घटिया कार्य करवाया गया है कि नाली एक साल से ज्यादा नहीं टिक पाएगी। इस संबंध में ग्राम मड़ियाघाटी सभी ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 14 लाख की राशि से हुए नाली निर्माण में खूब भ्रष्टाचार किया जा रहा है और घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। 

निर्माण कार्य में इस तरह की अनियमितताएं…

नाली निर्माण में अनेक अनियमितताएं बरती गई हैं। पहला तो यह कि नाली का लेबल ही नहीं लिया गया। इन सभी में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि नाली निर्माण कार्य में गुणवत्ता नाम की चीज ही नहीं है। नाली निर्माण के लिए नीचे फर्श की ढलाई करने में भी खानापूर्ति की गई है। नियमानुसार सतह की तीन इंच ढलाई कंक्रीट से करनी थी, उस ढलाई को कहीं एक इंच किया गया है तो कहीं ढलाई ही नहीं किया गया। सिर्फ नीचे फर्श पर ईंट की छोटी टुकड़ी को बिछा दिया गया।

नाली को पाटने के लिए ढलवाए जा रहे स्लैप के मैटेरियल में पांच कड़ाही बालू में एक कड़ाही सीमेंट के अनुपात में मसाला बनाए गए हैं। इस तरह की अनेक अनियमितताएं नाली निर्माण में की जा रही है। ग्रामीणों ने इसका काफी विरोध भी किया था, लेकिन पंचायत पर इसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा।

क्या बोले सचिव…

ग्राम पंचायत के सचिव राघवेन्द्र राजपूत का कहना है, नाली निर्माण का कार्य अभी जारी है। निर्माण के दौरान एक बैल नाली में गिर गया था, इसलिए नाली टूट गई है, जिसे फिर से बनाया जाएगा। वहीं, मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्श खरे का कहना है, इस कार्य को लेकर शिकायत प्राप्त हुई थी। संबंधित उपयंत्री द्वारा ग्राम पंचायत को नोटिस जारी किया गया है और जांच की जा रही है। अगर कार्य गुणवत्ता पूर्ण नहीं पाया जाता है तो मूल्यांकन किए गए कार्य अनुसार कार्रवाई की जाएगी।




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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