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समाज में उन्माद फैलाने के लिए बिहार में जातिगत गणना करवा रहे नीतीश कुमार, वैधानिक आधार नहीं-प्रशांत किशोर

हाइलाइट्स

जातिगत गणना के वैधानिक आधार को बताए सरकार-प्रशांत किशोर.
जातीय जनगणना से बिहार में जातीय उन्माद फैल सकता है – पीके.
जन सुराज यात्रा में पंचायतों की बनायी जा रही है समस्याओं की सूची.

मोतिहारी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत गणना की शुरुआत वैशाली के गोरौल से की. उन्होंने इसके लिए कटरमाला पंचायत के हरसेर गांव में मनोज पासवान नाम के व्यक्ति का घर चुना. इस मौके पर सीएम नीतीश ने कहा कि जाति की गणना के साथ-साथ लोगों की आर्थिक स्थिति का अध्ययन भी करवा रहे हैं. इसकी रिपोर्ट आने के बाद हमलोग उसको पब्लिश करेंगे और केंद्र को भी देंगे. विशेष बात यह कि मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद थे. बता दें कि नीतीश कुमार समाधान यात्रा के क्रम में वैशाली पहुंचे थे. हालांकि, जन सुराज यात्रा के क्रम में मोतिहारी पहुंचे चुनावी रणनीतिकार ने जातिगत गणना को समाज में विद्वेष व उन्माद फैलाने वाला बताया है.

प्रशांत किशोर ने कहा कि जातिगत गणना समाज को जोड़ने के लिए नहीं तोड़ने के लिए है. जातीय जनगणना का वैधानिक आधार भी नहीं है. जातीय जनगणना करने वाले नीतीश कुमार ये बताएं कि इसका वैधानिक आधार क्या है और जनता का क्या इससे विकास होगा? अगर विकास करना है तो ये आंकड़ा समझ लें कि बिहार में 13 करोड़ लोग आज भी देश में सबसे पिछड़े हैं; उनका उत्थान होना चाहिए.

प्रशांत किशोर ने कहा, किसी लाइब्रेरी में बैठ जाने से ज्ञान नहीं हो जाता है. उसको समझने के लिये समझ होनी चाहिए. समाज और बिहार की जनता को मूर्ख बनाने का काम है. जातिगत गणना समाज के सबसे निचले पायदान के लोगों को और नीचे ले जाने के लिए है. बिहार में समाजवाद के नाम पर समाज को बांटने के लिए हो रहा है.

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पूर्वी चंपारण

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मोतिहारी में पीके ने प्रेस वार्ता में कहा कि जातीय आधार पर राजनीति करने वाले लोग अपनी ही जाति के दुश्मन बने हुए हैं. वे सिर्फ अपने परिवार के लिए लगे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के बहार हो ‘नीतीशे कुमार के राज हो’, यह नारा मैंने ही दिया था. लेकिन, वे इस नारे से बदल गए, जिस कारण मैंने उनका साथ छोड़ दिया.

प्रशांत किशोर ने कहा, जन सुराज यात्रा के दौरान एक एक पंचायत की समस्याओं की सूची बनाई जा रही है. जिसे यात्रा के समापन पर हरेक पंचायत के विकास के लिए योजना बनाया जाएगा. जहां रोजगार के साधन उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि जनता को जागृत करने के लिये निकला हूं. योजनाओं को सही तरीके से लागू नहीं करने का विरोध हो रहा है. उन्होंने कहा कि समाजवाद के नाम पर लोगों की आकांक्षाओं को दबा दिया गया है.


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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