उधार के 10,000 से शुरू किया काम, अब 13,800 करोड़ की कंपनी के मालिक, सोने का सौदागर है ये भारतीय व्यापारी

Success Story: देश में आजकल स्टार्टअप कल्चर का बड़ा क्रेज है, आए दिन हमें कई युवा उद्यमियों के बारे में सुनने को मिलता है. लेकिन, भारत में ऐसे कई पुराने कारोबारी हैं जिनका उदय स्टार्टअप संस्कृति के जमाने में नहीं हुआ. फिर भी अपनी मेहनत से ये दिग्गज कारोबारी आज के युवा उद्यमियों लिए प्रेरणा बने हुए हैं. हम आपको एक ऐसे कारोबारी की कहानी बताने जा रहे हैं जो कभी दुकानों पर जाकर गोल्ड ज्वैलरी बेचते थे, लेकिन आज देश के दिग्गज गोल्ड एक्सपोर्टर हैं.
महज 10,000 रुपये से गोल्ड बिजनेस की शुरुआत करने वाले राजेश मेहता ने 13,800 करोड़ का व्यापारिक साम्राज्य खड़ा कर दिया है. आज की तारीख में उन्हें देश का सबसे बड़ा गोल्ड कारोबारी भी कहा जाता है.
कौन हैं राजेश मेहता
राजेश मेहता, राजेश एक्सपोर्ट (Rajesh Exports) के मालिक और कार्यकारी अध्यक्ष हैं. यह कंपनी गोल्ड प्रोडक्ट्स बनाकर उनका निर्यात करती है. इनमें ज्वैलरी, पदक और सिक्के शामिल हैं. राजेश एक्सपोर्ट्स लिमिटेड की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में प्रति वर्ष 400 टन सोने के उत्पादों के निर्माण करने की क्षमता है, जिसमें बेहतरीन सादे और जड़े हुए आभूषण, पदक और सिक्के शामिल हैं.
बचपन में बनना चाहते थे डॉक्टर
राजेश मेहता, बचपन में डॉक्टर बनने का सपना देखते थे लेकिन, शायद उनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था. मूलरूप से गुजरात के रहने वाले राजेश मेहता की पढ़ाई बेंगलुरु से हुई. उनके पिता जसवंतरी मेहता ज्वैलरी बिजनेस के लिए कर्नाटक आए थे. पढ़ाई के दौरान महज 16 साल की उम्र में राजेश भी पिता के साथ काम करने लगे. अपने फैमिली बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए राजेश मेहता ने अपने बड़े भाई के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया.
10,000 के उधार से 13,800 करोड़ की कंपनी तक
बिजनेस में कुछ अच्छा करने की चाहत में राजेश मेहता ने अपने भाई से 2,000 रुपये उधार लिए और बैंक से 8000 रुपये का कर्ज लिया. इसके बाद उधार के पैसों से उन्होंने 1982 में बिजनेस शुरू किया.राजेश मेहता चेन्नई से आभूषण खरीदते थे और गुजरात के राजकोट में उन्हें बेच देते थे. पहले उन्होंने यह काम छोटे स्तर पर किया, लेकिन जब उन्हें इस काम में कामयाबी मिलने लगी तो इसके बाद उन्होंने गुजरात में थोक व्यापारियों को ज्वैलरी बेचना शुरू कर दिया.
इसके बाद राजेश मेहता ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद तक अपने कारोबार का विस्तार किया. उनके करियर में अहम मोड़ उस वक्त आया जब उन्होंने 1989 में सोने के आभूषणों के कारोबार में कदम रखा. बेंगलुरु में अपने छोटे-से गैरेज में एक गोल्ड ज्वैलरी मैन्युफेक्चरिंग यूनिट शुरू की. यहां वे माल बनाकर उसे ब्रिटेन, दुबई, ओमान, कुवैत, अमेरिका और यूरोप तक निर्यात करते.
शेयर बाजार में लिस्टेड उनकी कंपनी राजेश एक्सपोर्ट्स लिमिटेड का मार्केट कैंप 138.18 बिलियन यानी करीब 13,800 करोड़ रुपये है. उनके पास स्विट्जरलैंड और भारत में गोल्ड रिफाइनरी है. आज देश और दुनिया में सफल गोल्ड एक्सपोर्टर (Gold Exporter) के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 11, 2023, 15:18 IST
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