Why don’t these officers move away? | 10-15 साल से जमे एनके तिवारी, अरजरिया, स्वर्णकार; सोलंकी ट्रांसफर के बाद भी नहीं हटे, सीएम से कराया निरस्त

सागरएक घंटा पहले
- कॉपी लिंक
फाइल फोटो।
बिजली कंपनी के 4-5 अफसर ऐसे हैं जो सागर छोड़ना नहीं चाहते। यहां पदस्थ रहते हुए इन्हें 10 से 15 साल हो गए। इस दौरान इनके कई बार ट्रांसफर भी हुआ लेकिन किसी बार मंत्री से तो किसी बार मुख्यमंत्री से निरस्त करा लेते हैं। हाल ही में सहायक अभियंता अशोक सोलंकी मुख्यमंत्री की टीप से अपना ट्रांसफर निरस्त करवा चुके हैं। इन अफसरों का ट्रांसफर आदेश तो निकलता है लेकिन इनकी मंत्री-नेताओं से तगड़ी लिंक होने के कारण 10 से 15 दिन में ही ट्रांसफर आदेश निरस्त हो जाता है।
इस कारण ये अफसर वितरण केंद्र से रिलीव नहीं होते क्योंकि उन्हें मालूम है कि वे ट्रांसफर निरस्त करा लेंगे। कंपनी की मुख्य महाप्रबंधक ने सागर जिले में जमे कुछ अफसरों के पिछले एक-दो साल में ट्रांसफर किए लेकिन बाद में उन्हें ट्रांसफर निरस्त करने का आदेश भी जारी करना पड़ा। एक ही जगह पदस्थ रहने से ये अफसर गड़बड़ियों को भी अंजाम दे रहे हैं। अटल कृषि ज्योति योजना में हर गांव में फर्जी कनेक्शन मिले। इसके बाद अधिकारियों ने जांच की बात कही लेकिन वह जांच अब तक आगे नहीं बढ़ सकी।
तिवारी और जैन राहतगढ़ व सुरखी क्षेत्र में काबिज
राहतगढ़ ग्रामीण वितरण केंद्र में कनिष्ठ अभियंता के पद पर पदस्थ एनके तिवारी पिछले 15 सालों से सागर में कार्यरत हैं। मई-2022 में इनका ट्रांसफर नरसिंहपुर हुआ लेकिन इन्होंने वापस सागर करा लिया। इसके बाद फिर इनका ट्रांसफर गाडरवारा डिवीजन के तेंदूखेड़ा वितरण केंद्र हुआ लेकिन 12 सितम्बर को कंपनी के एमडी के एप्रूवल से यह भी निरस्त करा लिया। कंपनी की सीजीएम नीता राठौर ने तत्काल ट्रांसफर रोकने का आदेश जारी कर दिया। सुरखी वितरण केंद्र में पदस्थ कनिष्ठ अभियंता आरके जैन को भी 15 साल हो गए हैं। इन 15 वर्षों में वे सुरखी अौर जैसीनगर वितरण केंद्र के अलावा कहीं और नहीं गए।
ट्रांसफर के 11 दिन बाद अा गया निरस्त का आदेश
सहायक अभियंता राजेंद्र कुमार अरजरिया सागर आरईएस में पदस्थ हैं। 13 मई 2022 को नरसिंहपुर ट्रांसफर हुआ लेकिन रुकवा लिया और वर्तमान में सागर आरईएस में ही पदस्थ हैं। ट्रांसफर के 11 दिन बाद 24 मई 2022 को आदेश आया जिसमें कहा गया कि मुख्य महाप्रबंधक ने ट्रांसफर आदेश में संशोधन कर आरके अरजरिया को सागर (ग्रामीण) वितरण केंद्र में पुन: पदस्थ किया है। ये भी 15-17 साल से सागर में पदस्थ हैं। इसमें लंबा समय इन्हें आरईएस में हो गया है। पहले नगर संभाग में थे। कार्यपालन अभियंता मुधकर स्वर्णकार का 7 अप्रैल 2022 को शहर संभाग रीवा ट्रांसफर हुआ लेकिन इन्होंने भी निरस्त करा लिया और सागर में ही पदस्थ हैं। एक बार इनका दमोह भी ट्रांसफर हो चुका है लेकिन वो भी रोक दिया गया।
जारोलिया और सोलंकी में निर्माण संभाग में पदस्थ रहने की होड़
सहायक अभियंता (संविदा) अवनीश जारोलिया और अशोक सोलंकी के बीच एसटीएम-एसटीसी (निर्माण संभाग) में पदस्थापना को लेकर खींचतान चलती रहती है। दोनों ही यहां करीब 8 वर्ष से जमे हैं। एई अशोक सोलंकी का एसटीएम-एसटीसी से उप-संभाग सागर ट्रांसफर हुआ तो उन्होंने सीएम तक जोर लगाया और सीएम की टीप से ट्रांसफर रुकवा लिया। 11 सितम्बर को बिजली कंपनी की मुख्य महाप्रबंधक नीता राठौर ने आदेश जारी कर कहा कि एई अशोक सोलंकी को वापस एसटीएम-एसटीसी सागर संभाग में पदस्थ किया जाता है और एई अवनीश जारोलिया को उप-संभाग सागर में पदस्थ किया जाता है। यदि इस होड़ को खत्म करना है तो अधिकारियों को निर्माण संभाग में पिछले 5 सालों में हुए कार्यों की सही जांच करानी चाहिए।
शिकायतें मिलने पर अफसरों को हटाते हैं
समय-समय पर ट्रांसफर होते हैं तब अफसरों को बदला जाता है। आपके संज्ञान में यदि ऐसे अफसर हैं जो लंबे समय से सागर में एक ही स्थान पर पदस्थ हैं तो उनके नाम बताइए। कई बार अफसरों के खिलाफ शिकायतें भी मिलती हैं जिनके आधार पर उन्हें हटाया जाता है। अशोक सोलंकी का ट्रांसफर सीएम मॉनिट के बाद ही रोका गया है। – नीता राठौर, मुख्य महाप्रबंधक, जबलपुर
Source link