rajasthan many ashok gehlot camp mlas taking back the resigns ahead of assembly budget session । गहलोत गुट के 90 विधायकों ने दिया था सामूहिक इस्तीफा, अब ऐसा क्या हुआ कि ले रहे वापस?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
जयपुर: राजस्थान में अंदरखाने बिखरी गहलोत सरकार को समेटने की कवायत तेज हो गई है। हाल ही में राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी बनाए गए सुखजिंदर सिंह रंधावा पूरी कोशिश में हैं कि जिन विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के वक्त मचे घमासान के दौरान अशोक गहलोत के समर्थन में इस्तीफे दिए थे वे अब वापस ले लें। इस काम में रंधावा काफी हद तक कामयाब भी हो रहे हैं। खबर है कि रंधावा की सीपी जोशी से मुलाकात के बाद अब कई विधायक इस्तीफ़ा वापस ले रहे हैं।
विधानसभा सत्र से पहले सुलटाने की कोशिश
बता दें कि राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सीपी जोशी से मीटिंग की और गहलोत गुट के विधायकों ने इस्तीफ़ा वापस लेना शुरू कर दिया। खबर है कि कई विधायकों के पास इस्तीफ़ा वापस लेने के लिए शांतिधारीवाल का फ़ोन भी गया है। कांग्रेस की कोशिश है कि 23 जनवरी से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले राजस्थान की सियासी रेत पर उठा तूफान शांत कर लिया जाए। यही कारण है कि कांग्रेस ने राजस्थान कांग्रस प्रभारी बनने के बाद 27 दिसंबर को रंधावा को जयपुर भेजा। 2 दिन के इस दौरे में रंधावा बैक टू बैक मीटिंग्स कर रहे हैं। बड़ा सवाल ये है कि दो धडों में बंटी कांग्रेस को रंधावा फिर से संगठित कर पाएंगे।
कांग्रेस आलाकमान को किया था चैलेंज
बता दें कि सिंतबर 2022 में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत का नाम आगे आया था तो राजस्थान की कुर्सी पर जमे रहने को लेकर गहलोत गुट के करीब 90 विधायकों ने सीधे कांग्रेस आलाकमान को ‘लाल आखें’ दिखाते हुए 25 सितंबर को इस्तीफे दिए थे। बताते चलें कि उस वक्त राजस्थान के इस सियासी भूचाल पर आलाकमान ने एक लाइन के प्रस्ताव पारित किया था जिसे अजय माकन लाए थे। रंधावा से पहले राजस्थन का सियासी भूचाल माकन ही संभाल रहे थे।