Mp News:कांग्रेस ने कहा- ये कैसी सरकार…बीजेपी मंडल अध्यक्ष ने अपने ही नुमाइंदों की कलेक्टर से की शिकायत – Mp News Bjp Divisional President Complained Against His Own Representatives To Collector In Umaria

कांग्रेस नेत्री संगीता शर्मा
– फोटो : सोशल मीडिया
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अजब-गजब मध्यप्रदेश की अनोखी कहानी सामने आई है। दरअसल, शिवराज सरकार में बीजेपी के ही मंडल अध्यक्ष से पैसे लिए जा रहे हैं, जिसकी मंडल अध्यक्ष ने कलेक्टर से शिकायत कर दी है। जी हां मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार का एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां बीजेपी मंडल अध्यक्ष से धान खरीदी केंद्र में पैसा लेने का मामला सामने आया। मामले का शिकायत पत्र वायरल होते ही पूरे जिले में हड़कंप मच गया।
बता दें कि पूरा मामला उमरिया जिले के बीजेपी मंडल अध्यक्ष पिपरिया सुंदरलाल यादव से जुड़ा है। यहां परासी धान खरीदी केंद्र में धान तुलाई और अन्य कार्यों का पैसा लिया गया, जिसकी शिकायत उन्होंने कलेक्टर से कर दी। साथ ही शिकायती पत्र वायरल हो गया। पत्र वायरल होते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया और जांच में जुट गया।
द्वारा रिश्वत के रूप में दी गई राशि को वापस प्राप्त करने के लिए जिला कलेक्टर से गुहार लगाई और लिखा-कलेक्टर महोदय जब संगठन के मुखिया को ही रिश्वत देनी पड़ रही है तब आम जनमानस का क्या हाल होगा?
मुख्यमंत्री जी,आए दिन भाजपा के पदाधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार की पोल खोली जा रही है— Sangeeta Sharma (@SangeetaCongres) December 30, 2022
कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश…
जैसे ही पूरी खबर की जानकारी कलेक्टर को लगी, तत्काल कलेक्टर कृष्णदेव त्रिपाठी ने बताया कि हमने जांच के आदेश दे दिए हैं और कार्रवाई की जाएगी। वहीं सुंदरलाल यादव मंडल अध्यक्ष ने बताया कि धान तुलाई और अन्य कार्यों का पैसा लिया गया है।
कलेक्टर और अधिकारी पहुंचे धान खरीदी केंद्र…
पत्र सामने आते ही कलेक्टर कृष्ण देव त्रिपाठी और खाद्य अधिकारी बीएस परिहार सहित अन्य अधिकारी शुक्रवार सुबह ही परासी धान खरीदी केंद्र पहुंचे और जांच शुरू कर दी। वहीं, बीजेपी मंडल अध्यक्ष सुदामा यादव के पत्र सामने आते ही कांग्रेस नेत्री संगीता शर्मा ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है और ट्वीट में लिखा है, कौन कहता है कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार नहीं होता, एक बार बीजेपी मंडल अध्यक्ष के पत्र को तबियत से पढ़कर तो देखो।
बीजेपी मंडल अध्यक्ष को धान खरीदी केंद्र में रिश्वत देना पड़ी, जबकि वे बीजेपी के स्थापित नेता हैं। जनजाति कल्याण मंत्री मीना सिंह के खास व्यक्ति हैं, जिनके द्वारा रिश्वत के रूप में दी गई राशि को वापस प्राप्त करने के लिए जिला कलेक्टर से गुहार लगाई और लिखा कि कलेक्टर महोदय जब संगठन के मुखिया को ही रिश्वत देनी पड़ रही है, तब आम जनमानस का क्या हाल होगा?