मध्यप्रदेश

Mp Politics:उमा ने बताया लोधी समाज के मंच से क्यों दिया ऐसा भाषण? शिव मंत्रिमंडल में असंतुलन की बात दोहराई – Mp Politics: Uma Told Why She Gave Such A Speech From The Platform Of Lodhi Samaj? Shiv Reiterated The Imbalan


पूर्व सीएम उमा भारती
– फोटो : सोशल मीडिया

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पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने लोधी समाज के मंच से दिए भाषण पर सफाई दी हैं। उमा ने एक के बाद एक 10 ट्वीट कर कहा कि लोधी समाज के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गई। वहां मैंने जो भाषण दिया उसका एक अंश सोशल मीडिया में आ रहा हैं। उसके खंडन की जरूरत नहीं हैं। क्योंकि मैंने ऐसा ही बोला हैं। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मेरे भाषण के पहले के कुछ वाक्य बताना जरूरी हैं। इसलिए ट्वीट कर रही हूं।
 
उमा ने बताया इसलिए बोला
पूर्व सीएम ने कहा कि मैंने कहा, पिछले 2018 के मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कुछ विधानसभा क्षेत्रों से मेरी सभा से पहले लोधी समाज से कुछ फोन मेरे ऑफिस में आए थे कि दीदी की सभी रद्द कर दीजिए। हम यहां के बीजेपी के उम्मीदवार से नाराज हैं। उसी के जवाब में मैंने उस दिन ऐसा बोला है।
 
मंत्रिमंडल में जाति एवं क्षेत्र का असंतुलन  
उमा भारती ने कहा कि यह बात मैंने सार्वजनिक तौर पर पहली बार नहीं बोली। उन्होंने कहा कि आप याद करिये जब हम विधानसभा चुनाव हार गए और कांग्रेस का एक समूह हमारे साथ टूट कर आया एवं उसके सहारे हमने सारकर का गठन किया तथा मंत्रिमंडल बना। तब भी मैंने सार्वजनिक तौर पर बयान दिया था कि इस मंत्रिमंडल में जाति एवं क्षेत्र का संतुलन बिगड़ा हुआ है।
 
मोदी मेरे नेता, भाजपा मेरी पार्टी
पूर्व सीएम ने कहा कि हिंदुत्व मेरी निष्ठा, भारत मेरा प्राण और संसार के सभी अभावग्रस्त लोग मेरे दिल में बसे हैं। मोदी मेरे नेता, भाजपा मेरी पार्टी है। मैंने कभी भाजपा नही छोड़ी । मुझे निकाला गया था । तब मैंने अपने कर्त्तव्य पथ पर चलते रहने के लिये राष्ट्रवादी विचार की धाराप्रवाह में ही अपना दल बनाया फिर उस समय के भाजपा के अध्यक्ष नितिन जी के निमंत्रण पर जिसका मोदी जी ने भी समर्थन किया भारतीय जनशक्ति का भाजपा में विलय करते हुए मैं भाजपा में वापस आ गई।
 
कांग्रेस को हमारे बीच आने की जरूरत
उमा भारती ने कहा कि कांग्रेस को हमारे बीच में आने की जरूरत नहीं है, मुझे भाजपा साइडलाइन नही करती, मेरी अपनी एक सीधी लाइन है और मैं उसी पर चलती हूं। स्वयं का मोक्ष एवं जगत का कल्याण। उमा ने कहा कि सूर्य की रोशनी, चंद्रमा की चांदनी, हवा का झौंका, फूलों की सुगन्ध, नदी की तरंग और शक्कर की मिठास यह कभी साइडलाइन नहीं होते क्योकि यह अंदर बाहर सब तरफ रचे बसे होते हैं।

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पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने लोधी समाज के मंच से दिए भाषण पर सफाई दी हैं। उमा ने एक के बाद एक 10 ट्वीट कर कहा कि लोधी समाज के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गई। वहां मैंने जो भाषण दिया उसका एक अंश सोशल मीडिया में आ रहा हैं। उसके खंडन की जरूरत नहीं हैं। क्योंकि मैंने ऐसा ही बोला हैं। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मेरे भाषण के पहले के कुछ वाक्य बताना जरूरी हैं। इसलिए ट्वीट कर रही हूं।

 

उमा ने बताया इसलिए बोला

पूर्व सीएम ने कहा कि मैंने कहा, पिछले 2018 के मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कुछ विधानसभा क्षेत्रों से मेरी सभा से पहले लोधी समाज से कुछ फोन मेरे ऑफिस में आए थे कि दीदी की सभी रद्द कर दीजिए। हम यहां के बीजेपी के उम्मीदवार से नाराज हैं। उसी के जवाब में मैंने उस दिन ऐसा बोला है।

 

मंत्रिमंडल में जाति एवं क्षेत्र का असंतुलन  

उमा भारती ने कहा कि यह बात मैंने सार्वजनिक तौर पर पहली बार नहीं बोली। उन्होंने कहा कि आप याद करिये जब हम विधानसभा चुनाव हार गए और कांग्रेस का एक समूह हमारे साथ टूट कर आया एवं उसके सहारे हमने सारकर का गठन किया तथा मंत्रिमंडल बना। तब भी मैंने सार्वजनिक तौर पर बयान दिया था कि इस मंत्रिमंडल में जाति एवं क्षेत्र का संतुलन बिगड़ा हुआ है।

 

मोदी मेरे नेता, भाजपा मेरी पार्टी

पूर्व सीएम ने कहा कि हिंदुत्व मेरी निष्ठा, भारत मेरा प्राण और संसार के सभी अभावग्रस्त लोग मेरे दिल में बसे हैं। मोदी मेरे नेता, भाजपा मेरी पार्टी है। मैंने कभी भाजपा नही छोड़ी । मुझे निकाला गया था । तब मैंने अपने कर्त्तव्य पथ पर चलते रहने के लिये राष्ट्रवादी विचार की धाराप्रवाह में ही अपना दल बनाया फिर उस समय के भाजपा के अध्यक्ष नितिन जी के निमंत्रण पर जिसका मोदी जी ने भी समर्थन किया भारतीय जनशक्ति का भाजपा में विलय करते हुए मैं भाजपा में वापस आ गई।

 

कांग्रेस को हमारे बीच आने की जरूरत

उमा भारती ने कहा कि कांग्रेस को हमारे बीच में आने की जरूरत नहीं है, मुझे भाजपा साइडलाइन नही करती, मेरी अपनी एक सीधी लाइन है और मैं उसी पर चलती हूं। स्वयं का मोक्ष एवं जगत का कल्याण। उमा ने कहा कि सूर्य की रोशनी, चंद्रमा की चांदनी, हवा का झौंका, फूलों की सुगन्ध, नदी की तरंग और शक्कर की मिठास यह कभी साइडलाइन नहीं होते क्योकि यह अंदर बाहर सब तरफ रचे बसे होते हैं।




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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