मध्यप्रदेश

Mandsaur:कहीं निकाली शवयात्रा, तो किसी खाया भूसा, प्रदर्शन के दौरान दो संविदा कर्मियों की मौत – Two Workers Died During The Protest Of Contract Workers


संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का प्रदर्शन
– फोटो : Amar Ujala Digital

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मध्य प्रदेश में इन दिनों संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी दो सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। हड़ताल को 13 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सरकार ने अब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया है। ऐसे में रतलाम, मंदसौर और नीमच के कर्मचारी हर दिन अलग-अलग तरह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश में चल रहे प्रदर्शन के दौरान दो कर्मियों की हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई।

मंदसौर में बुधवार को मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने गांधी चौराहे से लॉन्ड्री एरिया तक संविदा की शवयात्रा निकाल अपना विरोध जताया। वहीं, दूसरी ओर नीमच में संविदा कर्मचारियों ने भूसा खाकर सरकार के प्रति नाराजगी जताई। वहीं, रतलाम जिला मुख्यालय पर “आधी रोटी, आधा पेट, जीवन चढ़ गया संविदा की भेंट” के नारे लगाकर विरोध दर्ज कराया।  

शवयात्रा निकालकर सरकार को भेजा संदेश
संविदा कर्मचारियों की हड़ताल का असर अब स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दिखने लगा है। कहीं स्वास्थ्य केंद्रों के ताले ही नहीं खुल रहे हैं तो कहीं पर जरूरतमंदों को प्राथमिक उपचार के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है। संविदा स्वास्थ्यकर्मी संगठन की जिला अध्यक्ष डॉ. प्रतिज्ञा पाटीदार ने बताया कि हमने संविदा की शवयात्रा निकालकर सरकार को यह संदेश दिया है कि अब संविदा रूपी कलंक को समाप्त करें और संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित कर इस कलंक का अंतिम संस्कार कर दें। उनका कहना था कि नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे उनके दो साथियों की रतलाम और राजगढ़ जिले में मृत्यु हो गई है। ऐसे में अब उनके बच्चों को न तो अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी, न ही बीमा।

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मध्य प्रदेश में इन दिनों संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी दो सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। हड़ताल को 13 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सरकार ने अब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया है। ऐसे में रतलाम, मंदसौर और नीमच के कर्मचारी हर दिन अलग-अलग तरह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश में चल रहे प्रदर्शन के दौरान दो कर्मियों की हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई।

मंदसौर में बुधवार को मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने गांधी चौराहे से लॉन्ड्री एरिया तक संविदा की शवयात्रा निकाल अपना विरोध जताया। वहीं, दूसरी ओर नीमच में संविदा कर्मचारियों ने भूसा खाकर सरकार के प्रति नाराजगी जताई। वहीं, रतलाम जिला मुख्यालय पर “आधी रोटी, आधा पेट, जीवन चढ़ गया संविदा की भेंट” के नारे लगाकर विरोध दर्ज कराया।  

शवयात्रा निकालकर सरकार को भेजा संदेश

संविदा कर्मचारियों की हड़ताल का असर अब स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दिखने लगा है। कहीं स्वास्थ्य केंद्रों के ताले ही नहीं खुल रहे हैं तो कहीं पर जरूरतमंदों को प्राथमिक उपचार के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है। संविदा स्वास्थ्यकर्मी संगठन की जिला अध्यक्ष डॉ. प्रतिज्ञा पाटीदार ने बताया कि हमने संविदा की शवयात्रा निकालकर सरकार को यह संदेश दिया है कि अब संविदा रूपी कलंक को समाप्त करें और संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित कर इस कलंक का अंतिम संस्कार कर दें। उनका कहना था कि नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे उनके दो साथियों की रतलाम और राजगढ़ जिले में मृत्यु हो गई है। ऐसे में अब उनके बच्चों को न तो अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी, न ही बीमा।




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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